Wings of fancy

Thursday, March 3, 2022

नन्हें राही

अभ्युदय को पहले दिन स्कूल भेजना इतना भावुक था कि भावनाएं कलम तक आ ही गयीं... ओ ह्रदय अंश,ए मर्म विन्दु ऐ मेरे राजदुलारे, निकल रहे हो जीवन-पथ पर ईश्वर तुम्हें संवारे। मेरा आंचल, अपना आँगन, था संसार तुम्हारा टीका-काजल-मीठे भोजन तक था प्रेम हमारा तेरे ओझल होने पर भर आये नैन हमारे निकल रहे हो ... साथ तुम्हारे हमको भी अब दृढ़ होना होगा वात्सल्य, मोह से उठकर कर्तव्य को चुनना होगा उड़ना सीखो विहग सुकोमल आकाश अनन्त पुकारे निकल रहे हो... डग-मग होना लेकिन अब माँ को नही बुलाना कठिन राह है नन्हें राही तुम सरल सदा बनकर चलना जीवन्त हो रहे हैं अब सोये स्वप्न हमारे निकल रहे हो... मेरा साया हर क्षण तेरे ही संग रहेगा जग को अच्छा मानव देना मेरा लक्ष्य रहेगा सही दिशा में रहना 'राघव' चाहे बाधाएं घेरें निकल रहे हो... -विंदु 04-04-2019

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